March 28, 2024
Success Story in Hindi

पांचवी पास बना करोडपति | MDH Owner Biography and Success Story Hindi

MDH Masala Owner Dharampal Gulati Biography & Success Story:- दोस्तों आप लोगो ने television पर MDH का एड तो देखा ही होगा और उसमे एड कर रहे एक बूढ़े इंसान को भी देखा होगा। दोस्तों वही बूढा इंसान MDH मसालों की कंपनी का मालिक है।

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Dharampal Gulati Success Story in Hindi

Success Story in Hindi
Dharampal Gulati Success Story in Hindi

उस बूढ़े व्यक्ति का नाम Dharampal Gulati है जिनकी उम्र अभी 90 से उपर हो गई है लेकिन आज भी वो बिल्कुल स्वस्थ है। एक समय था जब इनके पास खाने तक के पैसे नहीं थे लेकिन फिर भी इतना बड़ा business कैसे खड़ा किया? Dharampal Gulati की कहानी किसी फ़िल्मी story से कम नहीं है।

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Dharampal Gulati Life Story आपके लिए एक Inspiring Story in Hindi का काम करेगी क्योंकि आपको इनसे बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। हम यहाँ आपको बताएँगे कैसे केवल एक पांचवी पास व्यक्ति ने आगे चलकर पूरी दुनिया के masala industry पर राज किया।

Dharampal Gulati Motivational & Success Story in Hindi

दोस्तों इस कहानी को शुरू करने के लिए हमें जाना होगा साल 1923 में जब Sialkot, Pakistan में धरमपाल गुलाटी जी का जन्म हुआ था। उनके पिता एक Social Organisation में काम करते थे जिनका नाम चुन्नीलाल गुलाटी था।

इसी Organisation में उन्होंने एक masala company का भी setup किया था जिसका नाम था Mahashian Di Hatti Pvt. Ltd.

धर्मपाल गुलाटी जी का पूरा परिवार बहुत ही धार्मिक था और वो सभी आर्य समाज से जुड़े हुए थे। धर्मपाल गुलाटी पढाई-लिखाई करना बिल्कुल भी पसंद नहीं करते थे जिस कारण चलते उन्होंने पांचवी क्लास में ही अपनी पढाई को छोड़ दिया और अपने पिता के साथ उनके काम में उनकी मदद करने लग गए।

जब 7 सितम्बर, 1947 को भारत और पाकिस्तान का बटवारा हुआ तब वो अपने परिवार सहित भारत में अमृतसर के एक refugee camp में बस गए और किसी तरह अपना गुजारा करने लगे। धर्मपाल गुलाटी और उनके पिता द्वारा खड़ा किया हुआ business अब पूरी तरह से ख़त्म हो चुका था और उनका परिवार अब आर्थिक संकटों से गुजरने लगा।

MDH Masala Success Story in Hindi

गरीबी से निबटने के लिए वो delhi आ गए और काम की तलाश करने लगे। लेकिन काफी कोशिश करने के बावजूद उन्हें कोई काम नहीं मिला और आखिरी में उन्होंने एक तांगा खरीद लिया। उस तांगे को वह Cannaught Place से Karol Bagh तक चलाने लगे।

यह काम करने से गुलाटी जी तो इतने पैसे नहीं मिल पा रहे थे जिस से वो अपने घर खर्च को चला पाए। यही सब सोचकर उन्होंने 1948 में ठान लिया की वह अपने पुराने business को फिर से चलाएंगे। उन्होंने Karolbagh में ही अपने business को शुरू करने की सोची।

एक छोटी सी झोपडी से उन्होंने फिर से अपने business को आगे बढाने की कोशिश की। अब इस business की उनको पहले से ही जानकारी थी इसलिए उनका ये business कम समय में ही आसमान की ऊंचाईयां छूने लगा।

जब कुछ पैसे इकट्ठे हो गए तब उन्होंने 1953 में Chandni Chowk में एक दुकान किराये पर लेकर अपनी दूसरी ब्रांच को खोल लिया।

उसके ठीक एक साल बाद ही गुलाटी जी ने 1954 में Roopak Stores नाम की एक स्टोर खोला जो कि भारत का पहला India’s First Modern Masala Store बना। लेकिन बाद में उन्होंने रूपक स्टोर को अपने भाई सतपाल गुलाटी को दे दिया।

इसके बाद 1959 में गुलाटी जी ने अपनी खुद की कंपनी यानि की MDH (Mahashian Di Hatti Limited) की शुरुवात की। इस business को बारे में अब तक वो काफी कुछ जान चुके थे इसलिए उनकी कंपनी ने कम समय में अच्छा प्रदर्शन करना शुरू कर दिया।

Spices King Dharampal Gulati Success Story in Hindi

Success Story in Hindi
Image Source – http://mdhspices.com/

आज mdh मसाले ना ही केवल भारत में बल्कि Canada, Europe, South East Asia, USA, Japan, Saudi Arabia जैसे 100 से भी देशो में export किया जाता है। आपको जानकार हैरानी होगी कि mdh को मसालों के king के नाम से भी जाना जाता है।

आज गुलाटी जी की उम्र 90 से उपर हो जाने के बावजूद वो अपनी कंपनी का विज्ञापन करते हुए नजर आ जाते है।

धर्मपाल गुलाटी की सबसे अच्छी बात ये है कि उन्होंने मसालों से कमाए हुए पैसो को गरीबो के लिए भी खर्च किया है। उन्होंने Mahashay Chuni Lal Charitable Trust का निर्माण किया जिसके तहत एक अस्पताल की स्थापना की गई। इस अस्पताल में वहा के रहने वाले लोग अपना इलाज करवा सकते है।

मसालों के profit में से बहुत सारे schools का निर्माण करवाया गया। इन schools में गरीब बच्चो को free में admission दिया जाता है। अब आप अच्छी तरह से जान सकते है कि ऐसे काम सिर्फ एक अच्छा इंसान ही कर सकता है। इस से गुलाटी जी का चरित्र अच्छे से देखने को मिलता है।

Last Words

दोस्तों आखिर में मैं बस इतना ही कहना चाहूँगा कि इंसान का बुरा समय आये तब उन्हें तब उसे हर परिस्तिथि का धर्मपाल गुलाटी जी तरह डट कर सामना करना चाहिए। यह Inspiring Hindi Story कही न कही आपको ज़रूर inspire करेगी।

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