Corona Virus Poem in Hindi – दोस्तों आज हम आपके साथ कोरोना वायरस पर एक कविता (Hindi Poem on Corona Virus) शेयर करने जा रहे है जिसमे कवि ने कविता में कोरोना की महामारी से बचने को दर्शाया है। इस कविता के माध्यम से कवि कहना चाहते है की कोरोना की महामारी दिन प्रतिदिन फैलती जा रही है और हमे एक दूसरे से अलग रहना चाहिए।

अपने घरो से बाहर नहीं निकलना चाहिए। दोस्तों अगर आपको ये Hindi Poem on Corona Virus पसंद आये तो इस Hindi Poetry on COVID – 19 को अपने दोस्तों के साथ ज़रूर शेयर करे।
Hindi Poem on Corona Virus

कोरोना वायरस का खोफ़ पूरी दुनिया में बढ़ते जा रहा
इस महामारी की जड़ कोई नहीं समझ पा रहा।
अंकित भाई, अब कहानी लिखने का दिल नहीं कर रहा
हर जगह व्यक्ति बाहर निकलने से डर रहा।
जो मित्र थे हमारे खास, आज निकलते हैं हम से बाईपास
नजदीक आकर बोलते नहीं, मुख अपना खोलते नहीं।
‘हर देश में आ रही आफत, कोई नहीं दिखाता अपनी शराफत।’
‘आखिर मोदी अकेला क्या क्या करेगा? यदि हर आदमी घर से बाहर निकलेगा।’
यह वायरस भारत में बीमारी चाहता है
इसीलिए एक दूसरे को पास बुलाता है।
दोस्तों एक दूसरे से रहना दूर
यह बीमारी करती है, चकनाचूर।
यह आफत आ गई बड़ी
सबको अपने प्राणों की पड़ी
हर ट्रेन स्टेशन पर है खड़ी
इंसान मर रहा घड़ी पर घड़ी।
‘और इस पोयम में 1-2 लाइन है, काम थोड़ा महान है अभी भारत में जान है।’
इंसान का जन्म लिया है, हौसला बुलंद करके आगे बढ़ो
सभी भूखे लोगों की मदद करो।
यह मृत्यु लोक है
हर इंसान को मरने का खौफ है।
यह बीमारी कोई हवा नहीं
अभी इसकी कोई दवा नहीं।
बचना है यदि अपनी जान से
तो मत निकलना अपने मकान से।
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दोस्तों ये थी कोरोना वायरस पर एक छोटी सी हिंदी पोएम (कोरोना वायरस पर हिंदी कविता) जब तक कोरोना की महामारी चल रही है तब तक आप अपने घर रहे और सुरक्षित रहे।