Konosuke Matsushita Motivational Story in Hindi:- दोस्तों आज की हमारी Motivational Story कुछ ऐसी है जिसमे एक बहुत ही गरीब बच्चा अपने दम पर अरबों रूपए का साम्राजय खड़ा कर देता है। दोस्तों अगर आप इस कहानी की गहराई को समझने की कोशिश करेंगे तो यकीन माने आपका विश्वास कई गुणा बढ़ जाएगा।
Motivational Story in Hindi of Konosuke Matsushita
शुरुवाती दौर
इस कहानी को शुरू करने के लिए हमें आज से करीब 125 साल पहले जापान के एक छोटे से गाँव में जाना होगा जहाँ एक किसान ने एक छोटे से बच्चे को जन्म दिया। आगे चलकर इस बच्चे का नाम Konosuke रखा गया।
ख़राब हालात
जब Konosuke मात्र 9 साल का था तब उसके पिता को किसी निजी कारण से अपनी सारी जमीन को बेचना पड़ा। सिर्फ इतना ही नहीं उन्हें अपने गाँव के घर तक को छोड़ना पड़ा।
गाँव में अब उनके पास कुछ नहीं बचा इसलिए Konosuke के पिता पुरे परिवार के साथ शहर आ गए और किसी तरह घर का गुजारा करने के लिए कोई काम धंधा ढूँढने लगे। उनकी आर्थिक स्थिति इतनी ख़राब हो गई थी की Konosuke जब महज 9 वर्ष का था तब उसको भी अपनी पढाई को छोड़कर एक दुकान पर काम करना पड़ रहा था।
दुकान से निकाल दिया गया
लेकिन स्थिति तब और भी ज्यादा ख़राब हो गई जब Konosuke को दुकान के मालिक ने दुकान की मंदी के चलते वहाँ से निकाल दिया। Konosuke ने अब इसके बाद एक साईकिल की दुकान पर नौकरी करनी शुरू कर दी। Konosuke को साइकिल की दुकान में बहुत कुछ सीखने को मिलता था। उसने साइकिल वाली दुकान पर करीब 5 वर्ष काम किया तब तक उसकी उम्र 15 साल हो चुकी थी।
नई नौकरी join की
Konosuke अपनी जिन्दगी में कुछ बड़ा करना चाहता था इसलिए उसने एक दिन notice किया कि भविष्य में बिजली की demand बहुत ज्यादा बढ़ने वाली है क्यों न किसी बिजली की कंपनी में नौकरी की जाए। बस यही सोच कर वह बिजली के श्चेत्र में नौकरी ढूँढने लगा। अचानक एक दिन उसे Osaka Electric Light Company का विज्ञापन मिला जिसमे उस company को कुछ employees की ज़रूरत थी। Konosuke ने सोचा क्यों न मैं यहाँ apply कर दू।
यही सोचकर उसने उस company में apply कर दिया और Konosuke को वहा नौकरी मिल गई। अब Konosuke को company में अपने काम के साथ-साथ बहुत कुछ सीखने को मिलने लगा। कोनोसुके electricity के श्चेत्र में कुछ बड़ा करने की सोच रहा था इसलिए वह जब भी free होता electricity की किताबे पढता रहता था और साथ में कुछ experiment भी करता रहता था।
अब कोनोसुके 20 वर्ष का हो चूका था और उसकी जिम्मेदारी भी काफी बढ़ चुकी थी। अब कोनोसुके अपनी कंपनी में technical inspector बन चूका था जो कि उस समय एक बहुत ऊँची पोस्ट हुआ करती थी।
एक बार कोनोसुके ने खुद से experiment करके एक नया electrical socket बनाया जिसमे कोनोसुके ने बहुत मेहनत की थी। कोनोसुके ने बड़ी ही excitement के साथ उस socket को अपने Bose को दिखाया लेकिन कोनोसुके को दुःख तब हुआ जब उसके Bose ने उसका socket यह कहकर reject कर दिया की यह market में नहीं चल पायेगा।
Motivational Story in Hindi for Success Life
लेकिन कोनोसुके यही नहीं रुका क्योंकि उसे अपने उस product पर पूरा भरोसा था जिसे उसने इतनी मेहनत से बनाया था। अब उसने एक बहुत ही बड़ा फैसला लिया और वो फैसला था अपनी job छोड़ने का। कोनोसुके ने इस बारे में अपने दोस्तों से बात की लेकिन उनके दोस्तों ने कहा की वो क्यों पागल बन रहे है।
अपनी इस लगी-लगाईं नौकरी को क्यों छोड़ रहे है और वो भी एक ऐसे product के लिए जिसको इतने अनुभवी व्यक्ति ने reject कर दिया। फिर उपर से तुम्हारे पास अच्छी शिक्षा भी नहीं है और ना ही इतने पैसे है जिस से तुम एक व्यवसाय को शुरू कर पाओ। कोनोसुके के दोस्तों ने कहा की तुम कामियाब नहीं हो पाओगे इसलिए इस नौकरी पर ही लगे रहो।
लेकिन उसे खुद पर believe था। कुछ बड़ा करने का जज्बा था। हिम्मत थी, हौसला था इसलिए वह अब पीछे नहीं हटने वाला था। वो कहते है ना….
[su_quote]”भरोसा खुदा पर है तो जो लिखा है तकदीर में वही पाओगे, लेकिन भरोसा अगर खुद पर है तो खुदा वही लिखेगा जो तुम चाहोगे।[/su_quote]
नौकरी छोड़ दी
आखिरकार उसने वह नौकरी छोड़ दी और उसके पास कुछ पैसे थे जिस से उसने कुछ tools खरीद लिए। कोनोसुके ने अपनी एक team बनाई जिसमे उसकी wife, उसका brother और साथ में दो co-worker भी रख लिए।
अब कोनोसुके घर पर ही socket बनाने लगा और खुद market में जाकर उन्हें बेचने की कोशिश करता लेकिन उसे socket को सभी reject कर रहे थे। समय निकलता गया हालात और ख़राब होने लगे क्योंकि उसके द्वारा बनाये हुए socket को कोई खरीद ही नहीं रहा था। धीरे-धीरे हालात इतने ख़राब हो गए कि उसके co-workers ने उसके साथ काम करना बंद कर दिया और अब उसकी team में बस तीन ही लोग बचे थे।
हालात बहुत ख़राब हो गए
स्थिति कुछ ऐसी आ गई थी की उसे अपने घर का समान बेचना पड़ा और साथ में कुछ कर्ज भी लेना पड़ा लेकिन कोनोसुके हार नहीं मान रहा था। हर दिन का सूरज उसके लिए एक नई किरण लेकर आता था लेकिन हर दिन उसे सिर्फ rejection ही मिलता था। कोनोसुके ने कई बार ऐसा महसूस किया की उसे ये सब छोड़कर अपनी पुरानी नौकरी को join कर लेना चाहिए। लेकिन उसका विश्वास इतना था की वह उसे हर rejection के बाद एक नई कोशिश करने पर मजबूर कर देता था।
हालात बिगड़ते जा रहे थे। कोनोसुके के पास सिर्फ एक नौकरी करने का ही option बचा हुआ था। लेकिन उसका विश्वास इतना अटल और पक्का था की वह चाहकर भी अपने सपने को खोना नहीं चाहता था और कुछ करने की इच्छा थी जो कोनोसुके को हार नहीं मानने दे रही थी।
जिन्दगी बदल गई
फिर एक दिन ऐसा आया जिस से कोनोसुके की कायापलट ही हो गई। उसके पास सीधा 1000 pcs का order आया और तब से उसके business ने एक नई रफ़्तार पकड़ ली। अब कोनोसुके की company तेज़ी से तराकी के रास्ते पर निकल पड़ी और उसने अब पीछे मुड कर नहीं देखा। आज इस company में 250000 से भी ज्यादा employees काम करते है और इस business का एक वर्ष का turnover करीब 70 बिलियन डॉलर है। इस company का नाम है Panasonic
Worlds Best Motivational Story in Hindi
कैसे हुआ ये सबकुछ? ये सबकुछ सिर्फ एक ऐसे इंसान ने कर दिखाया जिसके पास ना ही पैसा था, ना ही अच्छी शिक्षा थी, ना ही किसी की अच्छी support थी। इतना सबकुछ ना होने के बावजूद उसके पास एक चीज़ थी और वो था उसका विश्वास। सिर्फ एक व्यक्ति के विश्वास ने Panasonic जैसी company की स्थापना की जो आज पुरे विश्व भर में फैल चुकी है और इस company के product को आपने भी कभी न कभी इस्तेमाल किया होगा।
दोस्तों अब आप बताइए की आपको इस कहानी “Konosuke Matsushita Motivational Story in Hindi”से क्या सीखने को मिला? इसी प्रकार की Real Motivational & Inspiring Hindi Stories के लिए हमारे ब्लॉग को सब्सक्राइब करना बिल्कुल भी न भूले।
Atama bishwash