बुरे समय में क्या करे? – Motivational Speech in Hindi for Success Life
Life Changing Motivational Speech in Hindi for Success Life
Life Changing Motivational Speech in Hindi:- जिन्दगी में ऐसा समय भी आता है जब हमें लगता है कि हम जिन्दगी में आए ही क्यों, हम सोचते है कि समय हमारे खिलाफ चल रहा है। हमारा किसी से बात करने का मन नहीं करता मानो जैसे सभी लोग हमारे दुश्मन बन गए हो। हमारी अपनों से भी लड़ाईयां होनी शुरू हो जाती है। लेकिन इंसान ऐसे बुरे समय में करे तो क्या करे।
बुरे समय में क्या करे? – Motivational Speech in Hindi for Success life
मैंने इन्टरनेट पर बहुत सी मोटिवेशनल स्पीच पढ़ी और Motivational Speech की videos भी देखी। लेकिन आज मैंने सोचा क्यों ना मैं खुद की अपनी एक स्पीच लिखू जिसे मैं रियलिटी में महसूस कर चूका हू।
जब भी मेरा बुरा समय आता है या जब भी मैं दुखी होता हूँ तो सोचने लग जाता हू कि कोई मेरे साथ नहीं दे रहा सब मेरे खिलाफ है। सबकुछ बेकार लगने लग जाता है। हम सिर्फ कुछ न कुछ सोचते रहते है। मैं सोचता हू कि मैं जिन्दगी से हार गया हूँ और दुनिया का सबसे कमजोर व्यक्ति मैं ही हूँ।
मैंने सोचा जैसे मैं अपने जीवन में दुखी होता हूँ वैसे ही भारत में, इस दुनिया में कितने और लोग दुखी होते होंगे और वो भी इसी तरह कुछ न कुछ सोचते होंगे। इसलिए आज मैं ये आर्टिकल “Motivational Speech in Hindi for Success” लिख रहा हूँ।
मोटिवेशनल स्पीच फॉर सक्सेस लाइफ – Motivational Speech in Hindi for Success
एक बार एक गुरूजी अपने शिष्यों को लेकर नदी के पास नहाने के लिए आये और बहती नदी के पास एक पेड़ था वह आकर बैठ गए उनके सभी शिष्य भी उनके साथ बैठ गए।
सुबह से दोपहर हो गई लेकिन गुरूजी नहाने के लिए नहीं जा रहे थे। एक शिष्य ने बेचैन होकर ये प्रश्न किया कि गुरूजी हम यहाँ नहाने आये थे लेकिन सुबह से दोपहर हो गई है हम नहायेंगे कब?
गुरूजी ने कहा – जब ये नदी थम जाएगी इसके लहरें जब शांत हो जाएँगी। गुरूजी ने कहा जब ये नदी ठहर जाएगी तब हम इसमें स्नान करेंगे।
इस पर शिष्य ने कहा गुरूजी ये नदी कैसे ठहरेगी? ये तो ऐसे ही बहती रहेगी। गुरूजी हमें इसी नदी में स्नान करना पड़ेगा। इस पर गुरूजी ने कहा ये नदी नहीं है ये जिन्दगी है।
दोस्तों हमारी जिन्दगी में भी नदी की तरह सुखो और दुखो की लहरें चलती रहती है। लेकिन अगर हम जिन्दगी में ऐसे ही बैठ जायेंगे ये सोचकर कि दुःख खत्म होगा तब हम कुछ करेंगे तो फिर ऐसे में तो हम कुछ कर ही नहीं पाएंगे।