May 3, 2024
2 lines gulzar shayari

2 Lines Gulzar Shayari | 2लाइन शायरी हिंदी | शायरी की विशेषताएँ

गुलज़ार साहब का नाम विश्वभर में सम्मान के साथ लिया जाता है। उनकी अनूठी रचनात्मकता ने दुनिया भर में उनकी विशिष्ट पहचान बनाई है। जिन गीतों पर गुलज़ार ने हाथ रखा, उन्हें उन्होंने अमरत्व प्रदान किया। वे हिंदी शायरी के एक अनमोल रत्न हैं। इस ब्लॉग ‘2 lines gulzar shayari’ में, हम गुलज़ार साहब की अविस्मरणीय शायरियों का जिक्र करेंगे। यह शायरियाँ निश्चित ही आपके दिल को छू लेंगी। चलिए, इस ब्लॉग में हम उनकी शायरी के सौंदर्य और गहराई को विस्तार से समझते हैं।

गुलज़ार की शायरी की विशेषताएँ

गुलज़ार, एक नाम जिसे सुनते ही हमारे मन में गहरी भावनाएँ उमड़ आती हैं। उनकी शायरी में वह शक्ति है जो बिना किसी प्रयास के सीधे दिल से बात करती है। इनकी खासियत यह है कि वे बहुत ही साधारण शब्दों का उपयोग करके गहरे और जटिल भावनाओं को व्यक्त करते हैं।

दिल को छूने वाली शायरी

जब भी बात आती है दिल को छूने वाली शायरी की, गुलज़ार की दो लाइन शायरी अक्सर सबसे ऊपर आती है। उदाहरण के लिए, “दिल हमारा चॉकलेट की तरह नरम और गहरा, तुम्हारे प्यार में डूबा हर पल मेरा।” इस शायरी में, चॉकलेट की मिठास और गहराई को दिल की गहराइयों से जोड़कर दिखाया गया है।

जीवन की सच्चाइयों का चित्रण

गुलज़ार ने अपनी शायरी में जीवन की सच्चाइयों को बहुत ही सुंदरता से पेश किया है। “समय के साथ सब कुछ बदल जाता है, बस यादें ही रह जाती हैं।” यह लाइनें हमें जीवन की नश्वरता और यादों की स्थायित्व का एहसास कराती हैं।

प्रेम में डूबी शायरी

प्रेम के विषय में गुलज़ार की शायरी हमें उसकी गहराइयों और विस्तारों में ले जाती है। “तुम आए तो आया मुझे याद, गली में आज चाँद निकला।” यह शायरी प्रेम में डूबे हुए व्यक्ति की भावनाओं को चाँद के सौंदर्य के साथ जोड़ती है।

2 Lines Gulzar Shayari

2 lines gulzar shayari

वक़्त की यादों में बसी वो पुरानी सी गली,

जहां ख्वाबों के पत्ते खरीदा करते थे हम।

 

रात की चादर तले, चांदनी का नर्म गला,

और तेरे इंतज़ार में डूबे मेरे अल्फ़ाज़।

 

हवाओं में छुप कर बातें करती है खुशबू तेरी,

ये शाम जैसे तेरी ही कहानी कहती है।

 

मेरे शब्दों में वो दर्द है, जिसे समझा नहीं तुमने,

बिन कहे, मेरी ख़ामोशी को पढ़ लिया करो।

 

धूप कुछ दीवारों पे पड़ी है, कुछ रास्ते मुड़े हुए हैं,

तेरे जाने के बाद से हर सीने में कुछ बात अधूरी सी छूटी है।

 

बरसात के मौसम में खिड़कियों पे बूँदों की टिकटिक,

तुम्हारी यादों की कश्ती, मेरी आँखों का समंदर।

 

आज फिर चाँद ने देर से दस्तक दी है,

लगता है रास्ते में उसे भी तेरी याद ने रोका है।

2लाइन शायरी हिंदी

2 lines gulzar shayari

तेरे जाने के बाद भी गली में बचा रहता है तेरा साया,

एक मौसम चले जाने के बाद भी, दूसरा मौसम बताता है तेरी कहानी।

 

फूलों की डाली पर सुबह की ओस की बूँदें,

तेरी यादों के जैसी ठंडी और ताजगी भरी।

 

कागज़ पर लिखी तेरी ख़तों की खुशबू आज भी है,

बीते लम्हों को फिर से जीने का सबब बनाती है।

 

चाँदनी रात में तेरे आँगन की मिट्टी,

चाँद की रोशनी में चमकती है, जैसे तेरी मुस्कान।

 

रात की चुप्पी में एक आवाज़ गूंजती है,

तेरे जाने के बाद भी, तेरी बातें मेरे साथ हैं।

 

सर्द हवाओं में जलती आग के पास,

तेरे नाम की कहानी अधूरी क्यों लगती है।

 

सुबह की पहली किरण जब खिड़की से आती है,

उसकी रोशनी में तेरे चेहरे की झलक मुझे दिखती है।

2 Lines Gulzar Shayari

बारिश के मौसम में बूंदों का खेल,

तेरी यादों की बरसात मेरे दिल में होती है।

 

गली के मोड़ पर खड़ी वो पुरानी नीम की डाल,

हर पत्ता तेरे जाने की कहानी कहता है।

 

तेरी यादें मेरी किताब के पन्नों में,

जैसे गुलाब की पंखुड़ियाँ संजोई गई हों।

 

बादलों की गोद में छिपा चाँद, तेरे आँखों की तरह,

रोशनी में भी, कुछ परछाइयाँ नज़र आती हैं।

 

सूखे पत्ते भी जब हवा में उड़ते हैं,

अक्सर तेरी यादों का सफ़र करते नज़र आते हैं।

 

ख़ामोशी की भी अपनी एक ज़ुबान होती है,

जो कहती भी नहीं, और सुनाई भी देती है।

 

रात के अंधेरे में भी, सितारे गिनता हूँ,

हर एक में तेरा चेहरा नज़र आता है।

2 Lines Gulzar Shayari

2 lines gulzar shayari

समंदर की गहराई से भी गहरे हैं तेरी यादें,

जो दिल की गहराइयों में बस जाती हैं।

 

राह में छोड़ आए थे हम जिन्हें फासलों के बहाने,

वही फासले आज हमें राह दिखाते हैं।

 

आज भी उस बेंच पर बैठा, जहाँ हमने वादे किए थे,

लगता है जैसे वक़्त ने करवटें बदली हैं, हम नहीं।

 

चाय की प्याली में बची हुई चीनी की तरह,

तेरी मिठास अब भी मेरे दिल में घुली है।

 

खिड़की से झांकती हुई सुबह की पहली किरण,

जैसे तुम ने खिड़की खटखटाई हो।

 

पतझड़ में गिरे पत्तों की तरह,

तेरी यादों के बीच मेरा दिल बिखरता है।

 

वक़्त ने जो ख़र्च किया, तेरी यादों को संजो कर,

उस ख़र्च का हिसाब मेरी रातें करती हैं।

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2लाइन शायरी हिंदी

तेरी याद में नींद से जंग करती रातें,

हर ख्वाब में तेरा आना बाकी है।

 

मेरी तन्हाई में भी तेरा नाम गूंजता है,

जैसे चाँदनी रात में चाँद की चमक।

 

तेरी हर बात पर यक़ीन करना,

जैसे बरसात में छतरी तने बिना भीग जाना।

 

बारिश की बूँदें और तेरी बातें,

दोनों ही मेरे दिल में उतर जाती हैं।

 

तेरे बिना मेरे दिन की शुरुआत,

जैसे बिना सूरज के सुबह।

 

बीते वक़्त की रेत पर चलते हुए,

हर कदम पर तेरे साथ के निशान मिलते हैं।

 

आँसुओं की बरसात में भीगती हुई रातें,

हर बूँद में तेरी यादों की बातें।

 

खुदा ने जब तुम्हें बनाया होगा,

कुछ पल को तो खुद भी मुस्कुराया होगा।

 

दिल के कोने में बैठी तेरी यादें,

जैसे बुझती आग में अधूरी राख।

2लाइन शायरी हिंदी

2 lines gulzar shayari

किसने रास्ते मे चांद रखा था, मुझको ठोकर लगी कैसे।
वक़्त पे पांव कब रखा हमने, ज़िंदगी मुंह के बल गिरी कैसे।।
आंख तो भर आयी थी पानी से, तेरी तस्वीर जल गयी कैसे।।।

 

सामने आए मेरे, देखा मुझे, बात भी की,
मुस्कुराए भी, पुरानी किसी पहचान की ख़ातिर,
कल का अख़बार था, बस देख लिया, रख भी दिया।।

 

टूट जाना चाहता हूँ, बिखर जाना चाहता हूँ,  में फिर से निखर जाना चाहता हूँ।
मानता हूँ मुश्किल हैं, लेकिन में गुलज़ार होना चाहता हूँ।।

 

मैंने मौत को देखा तो नहीं,  पर शायद वो बहुत खूबसूरत होगी।
कमबख्त जो भी उससे मिलता हैं, जीना ही छोड़ देता हैं।।

 

आदतन तुम ने कर दिए वादे, आदतन हमने ऐतबार किया।
तेरी राहो में बारहा रुक कर, हम ने अपना ही इंतज़ार किया।।
अब ना मांगेंगे जिंदगी या रब, ये गुनाह हमने एक बार किया।।।

 

पलक से पानी गिरा है, तो उसको गिरने दो,
कोई पुरानी तमन्ना, पिंघल रही होगी।

 

मेरी कोई खता तो साबित कर, जो बुरा हूं तो बुरा साबित कर
तुम्हें चाहा है कितना तू क्या जाने, चल मैं बेवफा ही सही, तू अपनी वफ़ा साबित कर।

निष्कर्ष

गुलज़ार की शायरी न केवल भावनाओं का एक संग्रह है, बल्कि यह हमें जीवन के कई पहलुओं पर विचार करने का अवसर भी देती है। उनकी शायरी के माध्यम से, हम खुद को ढूँढते हैं और अपनी गहराइयों को पहचानते हैं।

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