April 27, 2024
Baba Mohan Ram History

बाबा मोहन राम का इतिहास | Baba Mohan Ram History (काली खोली वाले)

Baba Mohan Ram History (काली खोली वाले मोहन बाबा):- आज की पोस्ट में हम भगवान् कृष्ण जी के कलयुग के अवतार यानि की बाबा मोहन राम के बारे में व उनके मंदिर काली खोली के बारे में जानेंगे। बाबा मोहन राम का इतिहास आज से 350 वर्ष पुराना है। अगर आप Baba Mohan Ram History in Hindi के बारे में नहीं जानते तो आपको ज़रूर ये पोस्ट पढनी चाहिए।

Baba Mohan Ram History and Kali Kholi Mandir (Bhiwadi, Rajasthan)

Baba Mohan Ram History

बाबा मोहन राम (Baba Mohan Ram History)

बाबा मोहन राम कलयुग में भगवान् श्री कृष्ण के दूसरे अवतार है। बाबा मोहन राम एक भारतीय अध्यात्मिक गुरु है जिन्हें उनके भक्त ऋषि, सतगुरु, फ़कीर और भगवान् कृष्ण के रूप में मानते है। ऐसा माना जाता है कि बाबा मोहन के पास चमत्कारी शक्तियां है जिनका इस्तेमाल वो अपने भक्तो के कल्याण के लिए करते है।

Baba Mohan Ram History

उनके सर के चारो और एक सोने की अंगूठी है जिसमे सामने एक मोर पंख लगा हुआ है साथ ही में वह मोटी व रुद्राक्ष से बनी माला भी पहनते है। बाबा मोहन राम नीले घोड़े पर सवार होते है इसलिए उनको नीले घोड़े के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि उनका नीला घोडा भगवान् शेषनाग का अवतार है जिसकी गति हवा से भी तेज़ है।

बाबा मोहन राम का घोडा जब भी उनके किसी भक्त को मुसीबत होती है वह तुरंत वहा पहुँचता है। कुछ भक्त तो कहते है कि जब भी किसी भक्त को कोई मुसीबत होती है तो वह वहाँ नंगे पाव दौड़ते है। बाबा मोहन राम को एक साधारण कपडे पहने हुए साधु के रूप में दिखाया जाता है। बाबा मोहन राम को दिव्य ज्योति के रूप में भी पूजा जाता है जो चमत्कारी शक्तियां रखती है।

Baba Mohan Ram ka Mandir (Kali Kholi)

बाबा मोहन राम का काली खोली मंदिर गाँव मिलकपुर में स्थित है जोकि राजस्थान के अलवर जिले के अंतर्गत आता है। यह दिल्ली से करीब 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बताया जाता है कि इस मंदिर का इतिहास 350 वर्ष पुराना है। खोली वह जगह है जहाँ मोहन बाबा वास करते है।

Baba Mohan Ram History
https://babamohanram.co.in/photo/

करीब 350 साल पहले लल्लू भगत को बाबा मोहन राम ने दर्शन दिए। बाबा मोहन राम ने लल्लू भगत को वचन दिया कि वह मात्र की सभी समस्याओं में उनकी सेवा करे और उनके द्वारा कहे गए वचनों को वह पूरा करेंगे। साथ ही यह आशीर्वाद उनके वंशजो पर भी बना रहेगा।

इसके बाद लल्लू भगत ने काली खोली पर ज्योति जलाई साथ ही मिलकपुर गाँव में स्थित जोहड़ की पाल पर कुटिया बनाकर उनकी भक्ति करने लगे। तभी से मिलकपुर (भिवाड़ी) में बाबा मोहन राम की पूजा होने लगी और आज साल में लाखो भक्त उनके दर्शन के लिए आते है। मंदिर के पास लोग सच्चे मन से भंडारे का आयोजन करते है जिसमे वो लोगो को खाना खिलाते है। जिनसे उनकी मांगी हुई हर मनोकामनाएँ मोहन बाबा पूरी करते है।

पूरे साल में आप कभी भी बाबा मोहन राम के दर्शन के लिए आ सकते है। बाबा मोहन राम का यह मंदिर पूरे साल खुला रहता है। काली खोली में बाबा मोहन राम के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देने के लिए हमेशा “अखंड ज्योति” जली रहती है। भक्त अपने अखंड ज्योति को घी अर्पित करते है जिस से उनकी सभी मनोकामनाएँ पूरी हो जाती है।

मोहन राम की गुफा काली खोली के पहाड़ में स्थित है। यहाँ साल में दो समय पर बहुत ज्यादा भीड़ होती है एक रक्षाबंधन दूसरा होली के त्यौहार पर। माना जाता है कि काली खोली मंदिर चमत्कारों व दिव्य उर्जा से घिरा हुआ है। मंदिर के पास ही में एक गौशाला है जहाँ भक्त उन्हें खाना खिलाते है। जो भी वहाँ सच्चे मन से सेवा करता है उसकी मनोकामना बाबा मोहन राम ज़रूर पूरी करते है।

Baba Mohan Ram Mela (Kali Kholi Mela)

बाबा मोहन राम के यहाँ मुख्य मेला साल में दो बार होली एवम् रक्षाबंधन की दौज पर लगता है। इसके अलावा भी हर माह की दौज पर यहाँ मेला लगता है। यहाँ मेले में लोग राजस्थान, हरियाणा, यूपी से दर्शन करने के लिए आते है। अभी फिलहाल में लल्लू भगत की सांतवी पीढ़ी के वंशज मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी के रूप में जिम्मेदारी संभाल रहे है।

Baba Mohan Ram Chalisha (बाबा मोहन राम चालीसा)

गौरीनंदन गणराज का मैं प्रथम सुमरु नाम

श्रीगुरु चरण रज मस्तक वर लिखूं महिमा मोहनराम

करैं दंडवत नमन तुम्हे श्री खोली के महाराज

शरण पडें हम श्याम आपकी पूर्ण कीजे काज

पूर्ण कीजे काज नित्य मुनि रटें आपकी माला

कृपा सिंधु भव सिंधु जग बंधू दीन दयाला ।।

मोहनराम बाबा की आरती

जगमग जगमग ज्योति जली है, मोहन आरती होने लगी है।
पर्वत खोली का सिंहासन, जिसपर मोहन लाते आसन।।
आ मंदिर में देते भाषण, भक्तो द्वारा कटते त्राषण।
उस मोहन की ज्योति जली है, मोहन आरती होने लगी है। जगमग…।।
कलयुग में अवतार लियो है, पर्वत उपर वास कियो है।
गावं मिलकपुर मंदिर तेरा, जहाँ दुखियो का लग रहा डेरा।।
ज्ञान का यहाँ भण्डार भरा है, सीता फल का वृक्ष खड़ा है। जगमग..।।
यहाँ पर दिल तुम रखो सच्चा, सभी है इसमें बूढा-बच्चा।
प्रेम से मिलकर सक्कर बाटों, बाबा जी का जोहड़ छांटो। जगमग…।।
अंधे को तुम नेत्र देते, कोढ़िन को देते हो काया।
बाँझन को तुम पुत्र देते, निर्धन को देते हो काया। जगमग…।।
नंदु जी को तुम दर्शाए, गाँव मिलकपुर मंदिर बनवाए।
शिवाजी का वास कराये, अपनी माया को दर्शाए।
मेरे गुरु की यही है विनती, प्रेम से मिलकर बोलो आरती।
उस मोहन की ज्योति जली है, मोहन आरती होने लगी है। जगमग…।।

baba mohan ram ki aarti
मोहन राम बाबा की आरती

Last Words

आखिर में आपसे यही कहना चाहूँगा अगर आपके पास कभी समय हो तो आप मोहन बाबा के दर्शन के लिए ज़रूर आइयेगा। जो भी लोग सच्चे दिल से यहाँ आते है मोहन बाबा उनकी बात ज़रूर सुनते है। Baba Mohan Ram History और उनके बारे में यह जानकारी अच्छी लगी हो तो कृपया शेयर करे।

13 thoughts on “बाबा मोहन राम का इतिहास | Baba Mohan Ram History (काली खोली वाले)

  1. 1) बाबा मोहन राम के जो पांच रत्न मिलें थे वो कौन सा पेड था पेड का नाम किया है ।
    2) बाबा मोहन राम के गुरू कौन थे ।
    3) बाबा मोहन राम के माता-पिता कौन थे
    4) बाबा मोहन की वो कौन-सी जगह है। जहाँ नही जानें पर पूजा स्वीकार नहीं करते ।

    1. Ans. 3. Baba Mohan Ram Vishnu ji ka Avtaar hai.
      Ans.2 Baba mohan ram parkat hue the unke mata pita ka naam ka sawakl hi nahi uthta.
      Ans. 4. Aisi koi jagah nahi hai

  2. jai baba mohan ram ki baba mohan ranm ka bhai ha hees baba ka name jana jata ha vill+po junedpur dhanouri kalan distek gautam Buddha nagar uttar Pradesh

  3. Baba Mohan Ram ke darshan sarvpartham karne wale Lallu Ram Nahi Nandu Saad The or jo ki ek brahmin the

  4. Jai Baba Mohan Ram ki, Hey Baba mujh se koi galti ho gayi hai to mujhe maaf karna, Mujhe bhi apna Aashirwad do or mere man ki Murad puri kar do,Aapki Darshan ka Abhilashi hn, Jai Baba Mohan Ram ki

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